Bulls and Bears in Share Market शेयरबाजार में बैल और भालू
Bulls and Bears in Share Market शेयरबाजार और बैल और भालू क्या हैं? महाश्क्ति के प्रमेंद्र प्रताप सिंह ने यह सवाल मुझसे दो तीन बार पूछा था। हर बार यही सोचता कि अगले किसी लेख में इस बारे में लिखूंगा। आज फिर जब उन्हों ने यही प्रश्न उठाया तो ज्यादा इंतजार न करवाकर टाईम निकाल उनका जवाब दे रहा हूं। उनका प्रश्न था कि शेयर बाजार में बैल और भालू का क्या सम्बन्ध है? क्यों शेयर बाजार के समाचारों के साथ बैल और भालू को भी चित्रित किया जाता है?
शेयर बाजार की अपनी एक भाषा होती है। जो
लोग यह सोचते हैं कि बाजार तेजी के रुख में रहेगा तो लाभ की आशा में वे और
शेयर खरीदना चाहते हैं इसीलिये उन्हें तेजड़िये कहते हैं। जो सोचते हैं
कि बाजार में कीमतें गिरेंगी वे शेयरों को बेचना चाहते हैं तो उन्हें
कहते हैं मदड़िये। इन्ही तेजड़ियों को बाजार में बुल्स यानी बैल कहा जाता है
तथा मंदड़ियों को बियर यानी भालू। इसी लिये जब भी बाजार में तेजी आती है तो
अगले दिन सेंसेक्स के ग्राफ के साथ बैल को चित्रित किया जाता है और जब
बाजार तेजी से गिरते हैं तो भालू का चित्र दिखाया जाता है। शेयर बाजार का
सारा खेल शेयर खरीदने और बेचने वालों के बीच ही होता है. खरीदने वाला बुल
यानि बैल और बेचने वाला बेयर यानी भालू.
मान्यता है कि यह नाम इस जानवरों के
हमला करने के तरीके से पड़ा। जब भी बैल हमला करता है तो अपने शिकार को नीचे
से उठा कर उछाल देता है जबकि भालू अपने शिकार को हमेशा पंजों से नीचे की
ओर दबाता है। कुछ ऐसा ही व्यवहार बाजार में तेजड़िए और मदड़िये भी करते
हैं. इसीलिए इन जानवरों से बाजार के इन खिलाडियों की पहचान बनी.
जब शेयर बाजार में तेजी होती है और
बाजार के सूचकांक ऊपर जा रहे होते हैं तो उसे बुल्लिश मार्किट कहते हैं.
जब बाजार के सूचकांक गिर रहे होतें हैं तो उसे बेयरिश मार्किट कहते हैं.
बैल जहां शक्ति का प्रतीक है वहीँ लापरवाही का भी प्रतीक है. बुल्लिश
मार्किट में कमजोर शेयर भी अनाप शनाप में ऊंची ऊंची कीमतों तक पहुँच जाते
हैं. बाजार में ऐसा माहोल बन जाता है कि कई घटिया शेयर भी बहुत महंगे हो जाते
हैं. बाजार में नए नए निवेशक पहुँच जाते हैं.
इसके विपरीत बेयरिश मार्किट में हर तरफ
ख़ामोशी और निराशा छा जाती है. बड़ी बड़ी कंपनियों के शेयर औंधे मुंह
गिरे होते हैं मगर कोई उन्हें पूछता भी नहीं है. निराशा के कारण कोई खरीददार
नहीं मिलता. बाजार से निवेशक गायब हो जाते हैं.
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