फेस वैल्यू क्या है Face Value in Hindi
फेस वैल्यू क्या है Face Value in Hindi शेयरों के संदर्भ में यह जानना और समझना बहुत आवश्यक है कि फेस वैल्यू क्या है किसी शेयर की वैल्यूएशन अथवा बाजार भाव से इसका क्या सम्बन्ध है. यहाँ हम यह भी समझेंगे की किस तरह यदि शेयर स्प्लिट Split होता है तो इसका शेयर की फेस वैल्यू पर क्या असर पड़ता है और शेयर के स्प्लिट होने पर उसके बाजार भाव पर क्या असर पड़ सकता है. फेस वैल्यू Face Value यानी अंकित मूल्य शेयर की वास्तविक कीमत होती है जो कि शेयर प्रमाण पात्र पर अंकित रहती है. यदि अबस कंपनी की कुल शेयर पूँजी दो करोड़ रुपये है और वह दस रुपये प्रति शेयर के बीस लाख शेयर जारी करती है तो दस रुपये अबस कंपनी के शेयर की फेस वैल्यू यानी अंकित मूल्य होगी. फेस वैल्यू को पार वैल्यू Par Value या केवल पार भी कहते हैं.
अब यदि अबस कंपनी का शेयर बाजार में सूचित Listed होने के बाद मांग बढ़ने के कारण शेयर बाजार में बढ़ कर रुपये 15 हो जाता है तो अब इसे प्रीमियम वैल्यू या अबव पार Above Par कहेंगे. और यदि शेयर की बाजार कीमत घट कर आठ रुपये रह जाती है तो इसे डिस्काउंट वैल्यू Discount Value या बिलो पार Below Par कहेंगे. दस रुपये के शेयर की कीमत यदि बाजार में भी दस रुपये ही है तो इसे एट पार At Par कहेंगे.
अक्सर शेयर खरीदते समय खरीददार शेयर की फेस वैल्यू चैक नहीं करते. ध्यान दीजिये की यदि ए कंपनी का एक रुपये फेस वैल्यू का शेयर बीस रुपये में बिक रहा है और बी कंपनी का दस रुपये फेस वैल्यू का शेयर बीस रुपये में बिक रहा है तो इसका क्या मतलब होगा? इसका मतलब यह होगा कि ए कंपनी का शेयर अपनी फेस वैल्यू से बीस गुना कीमत पर बिक रहा है और बी कंपनी का शेयर अपनी फेस वैल्यू से दो गुना कीमत पर बिक रहा है. यानि ए कंपनी का शेयर बी कंपनी के मुकाबले अधिक प्रीमियम पर बिक रहा है.
कंपनी अपने शेयर की फेस वैल्यू को बदल भी सकती है. कम्पनियां अपने शेयर को स्प्लिट Split यानी विभाजित कर उसके फेस वैल्यू को बदल सकती है. कल्पना कीजिये की यदि आपके पास अबस कंपनी के दस रुपये फेस वैल्यू के सौ शेयर हैं और उनका बाजार भाव पचास रुपये प्रति शेयर है. कंपनी अपने शेयरों को स्प्लिट करके उनकी फेस वैल्यू को पांच रुपये प्रति शेयर कर देती है. ऐसी स्थिती में कम्पनी आपके दस रुपये फेस वैल्यू वाले सौ शेयरों को पांच रुपये फेस वैल्यू के दो सौ शेयरों में परिवर्तित कर देगी. अब आपके शेयर का बाजार भाव भी कम हो कर पच्चीस रुपये प्रति शेयर के आस पास हो जाने की संभावना है. अधिकतर स्प्लिट होने के बाद शेयरों का बाजार भाव उसी अनुपात में नहीं घटता जिस अनुपात में फेस वाले घटती है. इसीलिए संभावना है की इस उदहारण में स्प्लिट होने के बाद शेयर की बाजार कीमत पच्चीस रुपये से अधिक होगी. अक्सर कम्पनियाँ अपने शेयरों की बाजार में कीमत बहुत अधिक हो जाने पर शेयरों को स्प्लिट करतीं हैं जिससे उनके शेयरों की कीमत छोटे निवेशकों की पहुँच में रहे और वे इन शेयरों में निवेश कर सकें.
फेस वैल्यू क्या है Face Value in Hindi और इसका क्या महत्व है यह मैंने यहाँ आसान हिंदी में समझाने की कोशिश की है.
ETF क्या है ETF in Hindi
ETF क्या है ETF in Hindi? ETF यानी Exchange Traded Fund एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड वास्तव में इंडेक्स फण्ड होते हैं जो कि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह ही ख़रीदे और बेचे जाते हैं. विश्व भर में ETF यानी Exchange Traded Fund एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड रिटेल निवेशकों और संस्थागत निवेशकों में बहुत ही लोकप्रिय निवेश का साधन है. हम यह कह सकते हैं कि यह एक सस्ता निवेश का साधन है क्योंकि इस फण्ड में चार्जेज आम तौर पर दुसरे फंड्स के मुकाबले कम होते हैं. आप इन्हें अपने ब्रोकर से अथवा सीधे फण्ड हाउस से भी खरीद सकते हैं. जहां म्यूच्यूअल फण्ड दिन के आखिर में NAV पर लिए जाते हैं, ETF ट्रेडिंग के घंटों में ही उस समय के ट्रेडिंग के वास्तविक कीमतों पर ख़रीदे और बेचे जा सकते हैं. यानि ETF में डे ट्रेडिंग भी संभव है.
ETF की संरचना: ETF की संरचना अपने इंडेक्स पर ही आधारित होती है. उदाहरन के लिए निफ्टी या सेंसेक्स इंडेक्स.
S.M.R
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